गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार वर्ष 2008-09
गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार वर्ष 2008 के पुरस्कृत विद्वान | ||
1. | श्री पंकज पचौरी | ![]() |
2. | श्री विनोद अग्निहोत्री | ![]() |
गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार वर्ष 2009 के पुरस्कृत विद्वान | ||
1. | श्री ब्रजमोहन बख़्शी | ![]() |
2. | श्री बलराम | ![]() |
बलराम
बलराम जी का जन्म नवम्बर, 1951 में हुआ था। अल्पावस्था से ही पत्रकारिता में अपना कैरियर शुरु करके हिंदी राष्ट्रीय दैनिक 'आज' के फ़ीचर संपादक पद से होते हुए 'नवभारत टाइम्स' के चीफ़ सब एडिटर बने। इस बीच उन्होंने 'रविवार' और 'करंट' के लिए भी रिपोर्टिंग की और 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की कथा पत्रिका 'सारिका' के संपादक मंडल में शामिल हुए। 'भूमिका', 'शिखर' और 'शब्द योग' जैसी पत्रिकाओं के सफल संपादन के बाद वे लब्धप्रतिष्ठ समाचार पाक्षिक 'लोकायत' का संपादन कर रहे हैं।
कृतियाँ
बलराम की कुछ प्रमुख कृतियां इस प्रकार हैं-
- वैष्णवों से वार्ता और पत्रकारिता के आयाम
- हिंदी कहानी का सफ़र
- आधे-अधूरे परिचय
- कलम हुए हाथ
इनके अतिरिक्त भी बलराम की और कई कृतियाँ महत्त्वपूर्ण हैं। उन्होंने विश्व की प्रमुख भाषाओं की कथाओं के अनुवाद और संचयन कर 'विश्व लघु कथा कोश', 'भारतीय लघु कथा कोश' और 'मानक हिंदी लघु कथा कोश' हिंदी को दिए हैं। इसके अलावा बस्तर के आदिवासियों पर संदर्भ ग्रंथ और प्रेमचंद रचनावली का भी संपादन किया।
पुरस्कार व सम्मान
विविध विधाओं पर लेखन के लिए वे हिंदी अकादमी के 'साहित्यकार सम्मान', 'नई धारा रचना सम्मान' और 'अखिल भारतीय अज्ञेय पुरस्कार' से सम्मानित किए जा चुके हैं। ऐसे कृती व्यक्ति को 'गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार' से सम्मानित कर 'केंद्रीय हिंदी संस्थान' ने हर्ष का अनुभव किया है।
दिलीप कुमार चौबे
श्री दिलीप कुमार चौबे हिंदी पत्रकारिता का एक ऐसा सम्मानित नाम है जिनके लिए पत्रकारिता एक व्यवसाय मात्र नहीं, बल्कि एक गंभीर वैचारिक उद्यम है। श्री दिलीप कुमार चौबे का जन्म 1 दिसम्बर, 1953 को हुआ।
कार्यक्षेत्र
दैनिक पत्र ‘राष्ट्रीय सहारा’ से विशेष तौर पर जुडे रहे श्री चौबे ने देश के विभिन्न समाचार-पत्रों में प्रचुर मात्रा में लेखन-कार्य किया। आपने ‘नवभारत टाइम्स’, ‘जनसत्ता‘, ‘हिंदुस्तान’, ‘अमर उजाला’, ‘पंजाब केसरी’ और समाचार ऐजेंसी ‘भाषा’ के लिए लंबे समय तक पत्रकारिता की। श्री चौबे ने देश-विदेश के अनेक शीर्ष व्यक्तित्वों से संवाद किया है। इन्होंने विशेष अवसरों पर अंतरराष्ट्रीय घटनाओं की प्रमाणिक रिपोर्टिंग की और अनेक वृत्त चित्रों का पटकथा लेखन किया।
श्री चौबे ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ के विशेष परिशिष्ट ‘हस्तक्षेप’ और साहित्य कला विचार के विविध आयामों से जुडे़ साप्ताहिक पृष्ठ ‘मंथन’ के प्रमुख रूप में पत्रकारिता में विचार के अनिवार्य महत्व को स्थापित किया है।
सम्मान एवं पुरस्कार
एक प्रतिबद्ध पत्रकार के रूप में जाने-माने श्री दिलीप कुमार चौबे को 'गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार' से सम्मानित कर 'केंद्रीय हिंदी संस्थान' गौरव का अनुभव करता है।
संपर्क
135 बी, उना इंक्लेव, मयूर विहार,
फेज-1, दिल्ली-110091
फोन – 09811553649,
ई-मेल–
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रवीश कुमार
श्री रवीश कुमार बीते लगभग दो दशकों से हिंदी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एक अनिवार्य उपस्थिति हैं। इतिहास में स्नातकोत्तर रवीश कुमार ने पत्रकारिता को सिर्फ कॅरियर के लिए नहीं, बल्कि समाज के प्रति अपनी वृहत् जिम्मेदारी के माध्यम के रूप में चुना है। श्री रवीश कुमार का जन्म 5 दिसम्बर, 1972 को हुआ।
कार्यक्षेत्र
रवीश जी ने नब्बे के दशक में समाज और राजनीति में आ रहे विवादास्पद बदलावों को सकारात्मक और वैकल्पिक दृष्टि से विश्लेषित किया। अनेक लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों की सघन रिपोर्टिंग करते हुए इन्होंने समाज के हाशिए में दबे अल्पसंख्यक और अंधेरे कोनों को उजागर किया। ऐसे अनेक प्रसंगों पर इन्होंने स्पेशल रिपोर्ट और रवीश की रिपोर्ट नाम से सौ से ज्यादा डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाई हैं। लोकप्रिय समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया से पिछले सत्रह वर्षों से जुड़े श्री रवीश कुमार वर्तमान में इसके सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर हैं। इस चैनल में ‘हम लोग’ और ‘प्राइम टाइम’ जैसे उनके कार्यक्रमों ने दर्शकों के बीच लोकप्रियता के अपूर्व कीर्तिमान स्थापित किए हैं। श्री रवीश कुमार को पत्रकारिता का प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका सम्मान दो बार प्राप्त हो चुका है। इन सत्रह सालों में जनता और जनतंत्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों से रूबरू रहकर इन्होंने बबरिया चैनल और विशेषत: मीडिया-संवाद की भाषा का अपना डिस्कोर्स विकसित किया है।
सम्मान एवं पुरस्कार
समकालीन सामाजिक एवं लोकतांत्रिक सरोकारों से निरंतर संवाद करने वाले श्री रवीश कुमार जैसे अप्रतिम पत्रकार को 'गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार' से सम्मानित कर 'केंद्रीय हिंदी संस्थान' गर्व का अनुभव करता है।
संपर्क
1002-ए, सनब्रीज अपार्टमेंट,
सैक्टर-5, वैशाली, गाजियाबाद-201010 (उ.प्र.)
ई-मेल – यह ईमेल पता spambots से संरक्षित किया जा रहा है. आप जावास्क्रिप्ट यह देखने के सक्षम होना चाहिए.
शिवनारायण
डॉ. शिवनारायण हिंदी साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में एक जाना-माना नाम है। डॉ. शिवनारायण हिंदी कविता, कहानी, आलोचना आदि अनेक विधाओं में लंबे अरसे से सक्रिय हैं। विभिन्न विधाओं में अब तक इनकी 32 पुस्तकें प्रकाशित हैं। श्री शिवनारायण का जन्म 19 जनवरी, 1962 को हुआ।
कार्यक्षेत्र
एक दर्जन से अधिक पत्रिकाओं के अलावा इन्होंने अनेक ग्रंथों, स्मारिकाओं, अभिनंदन एवं स्मृति ग्रंथों का भी संपादन किया है। देश भर की विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा आयोजित शैक्षिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में इनकी भागीदारी प्रमुखता से दर्ज की जाती रही है।
सम्मान एवं पुरस्कार
हिंदी साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए इन्हें बिहार सरकार के नागार्जुन पुरस्कार के अतिरिक्त बिहार हिंदी ग्रंथ अकादेमी द्वारा मेडल सम्मान, साहित्यकार संसद द्वारा पं. नरेंद्र देव सम्मान, उदभव शिखर सम्मान आदि से सम्मानित किया गया है। डॉ. शिवनारायण को 'गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार' से सम्मानित कर 'केंद्रीय हिंदी संस्थान' अपार हर्ष का अनुभव कर रहा है।
संपर्क
305 अमन अपार्टमेंट, शांति निकेतन कॉलोनी,
भूतनाथ रोड, पटना-800004 (बिहार)
फोन – 09334333509, 09576744356
ई-मेल–
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