हिंदी सेवी सम्मान वर्ष 2017 के लिए पुरस्कृत विद्वान
केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
हिंदी सेवी सम्मान योजना के अंतर्गत वर्ष 2017 के लिए पुरस्कृत हिंदी सेवी विद्वानों की घोषणा
प्रेस विज्ञप्ति / वीडियो प्रेस-वार्ता
दिनांकः 10 अप्रैल 2020, स्थानः निदेशक सचिवालय, आगरा मुख्यालय
केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के उच्चतर शिक्षा विभाग (भाषा प्रभाग) के अंतर्गत द्वितीय और विदेशी भाषा के रूप में हिंदी के शिक्षण-प्रशिक्षण, अनुसंधान और बहुआयामी विकास के लिए कार्यरत एक शैक्षिक संस्था है। इसका संचालन स्वायत्त संगठन केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल द्वारा किया जाता है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी के विकास, प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहन में संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हिंदी राष्ट्रीय एकता और समन्वय की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। राजभाषा, राष्ट्रभाषा और संपर्क-भाषा के रूप में इस पर विभिन्न भारतीय भाषाओं आपसी संवाद को बढ़ाते हुए भारत की समावेशी संस्कृति के विकास की भी ज़िम्मेदारी है। यही तथ्य केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना और इसके हर कार्यक्रम के मूल में विद्यमान रहा है। संस्थान विदेशों में हिंदी भाषा और उसके माध्यम से आधुनिक भारत की चेतना और उसके लोकतांत्रिक मूल्यों को भी प्रसारित करने के लिए संकल्पित है।
इसी दायित्व को निभाते हुए संस्थान द्वारा हिंदी सेवी सम्मान योजना के अंतर्गत बारह पुरस्कार श्रेणियों के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 26 हिंदी सेवी विद्वानों को प्रति वर्ष सम्मानित किया जाता है। हिंदी सेवी सम्मान योजना की शुरूआत सन् 1989 में हुई थी। पुरस्कृत विद्वानों को पाँच लाख रुपए, शॉल तथा प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर सम्मानित/ पुरस्कृत किया जाता है।
अब तक विभिन्न श्रेणियों में कुल 399 विद्वान सम्मानित किए जा चुके हैं।
हिंदी सेवी सम्मान (वर्ष 2017) की बारह पुरस्कार श्रेणियों में सम्मानित किए जाने वाले कुल 26 विद्वानों के नामों की सूची आज दिनांक 10 अप्रैल, 2020 (शुक्रवार) को केंद्रीय हिंदी संस्थान मुख्यालय में संस्थान के निदेशक प्रो. नन्द किशोर पाण्डेय द्वारा जारी की गई। इस अवसर पर प्रो. हरिशंकर, श्री केशरी नंदन, श्री अनुपम श्रीवास्तव, श्री एस.पी. सुंदरियाल एवं प्रशासनिक सदस्य उपस्थित रहे।
वर्ष 2017 के लिए हिंदी सेवी सम्मान से सम्मानित विद्वानों की सूची
गंगा शरण सिंह पुरस्कार (हिंदी प्रचार-प्रसार एवं हिंदी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए)
1. श्री राधा गोविंद थुंगाम (मणिपुर)
2. डॉ. टी. जी. प्रभाशंकर प्रेमी (बेंगलूरु)
3. डॉ. विजय कुमार महान्ति (ओडिशा)
4. प्रो. मनमोहन सहगल (पंजाब)
गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार (हिंदी पत्रकारिता तथा जनसंचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए)
1. डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र (कोलकाता)
2. श्री के. जी. सुरेश (दिल्ली)
आत्माराम पुरस्कार (विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए)
1. प्रो. बद्रीलाल चौधरी (उदयपुर)
2. डॉ. सूर्यकांत (लखनऊ)
सुब्रह्मण्य भारती पुरस्कार (सर्जनात्मक एवं आलोचनात्मक क्षेत्र में उप्लेखनीय लेखन कार्यके लिए)
1. डॉ. रत्न कुमार साँभरिया (जयपुर)
2. प्रो. सदानंद गुप्त (लखनऊ)
महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार (हिंदी माध्यम से ज्ञान के विविध क्षेत्र, पर्यटन एवं पर्यावरण से संबंधित क्षेत्र में मौलिक अनुसंधान के लिए)
1. डॉ. विनय षडंगी राजाराम (भोपाल)
2. डॉ. मथुरेश नंदन कुलश्रेष्ठ (जयपुर)
डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार (विदेशी हिंदी विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं लेखन में उल्लेखनीय कार्य के लिए)
1. श्री उदय नारायण गंगू (मॉरिशस)
2. श्री आमिर फ़ैजुल्लाह (उज्बेकिस्तान)
पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार (आप्रवासी भारतीय विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं लेखन कार्य के लिए)
1. सुश्री दिव्या माथुर (इंग्लैंड)
2. सुश्री अर्चना पेन्यूली (डेनमार्क)
सरदार वल्लभ भाई पटेल पुरस्कार (कृषि विज्ञान एवं राष्ट्रीय एकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय लेखन कार्य के लिए)
1. डॉ. हरेश प्रताप सिंह (कानपुर) - कृषिविज्ञान क्षेत्र
2. डॉ. शंकर शरण (नई दिल्ली)
दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार (मानविकी के क्षेत्र में एवं कला, संस्कृति एवं विचार की भारतीय चिंतन परंपरा के क्षेत्र में उल्लेखनीय लेखन कार्य के लिए)
1. डॉ. महेश चंद्र शर्मा (दिल्ली)
2. डॉ. श्रीराम परिहार (मध्य प्रदेश)
स्वामी विवेकानंद पुरस्कार (भारतविद्या (इंडोलॉजी) के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए)
1. प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा (उत्तर प्रदेश)
2. प्रो. योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण (उत्तराखंड)
पंडित मदन मोहन मालवीय पुरस्कार (शिक्षाशास्त्र एवं प्रबंधन में हिंदी माध्यम से उल्लेखनीय लेखन कार्य के लिए)
1. सुश्री इंदुमती काटदरे (अहमदाबाद)
2. प्रो. प्रभु नारायण मिश्र (इंदौर)
राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन पुरस्कार (विधि एवं लोक प्रशासन के क्षेत्र में हिंदी भाषा में उल्लेखनीय लेखन कार्य के लिए)
1. डॉ. राम अवतार सिंह (जौनपुर) – विधि क्षेत्र में
2. डॉ. रमेश कुमार अरोड़ा (जयपुर) – लोक प्रशासन क्षेत्र में
हिंदी सेवी सम्मान 2010-11
हिंदी सेवी सम्मान (वर्ष 2010 और 2011) के अंतर्गत कुल 28 विद्वानों को राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित एक भव्य समारोह में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया गया। सम्मानित विद्वानों का विवरण इस प्रकार है-
गंगाशरण सिंह पुरस्कार
हिंदी प्रचार-प्रसार एवं हिंदी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए
वर्ष 2010
वर्ष 2011
गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार
हिंदी पत्रकारिता तथा रचनात्मक साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए
वर्ष 2010
वर्ष 2011
आत्माराम पुरस्कार
वैज्ञानिक एवं तकनीकी साहित्य एवं उपकरण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए
वर्ष 2010
वर्ष 2011
सुब्रह्मण्य भारती पुरस्कार
हिंदी के विकास से संबंधित सर्जनात्मक/आलोचनात्मक क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए
वर्ष 2010
वर्ष 2011
महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार
हिंदी में खोज और अनुसंधान करने तथा यात्रा विवरण आदि के लिए
वर्ष 2010
वर्ष 2011
डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार
विदेशी हिंदी विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिए
वर्ष 2010
- प्रो. शमतोफ़ आज़ाद (उज़बेकिस्तान)
वर्ष 2011
- प्रो. उ जो किम (दक्षिण कोरिया)
पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार
भारतीय मूल के विद्वान को विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिए
वर्ष 2010
- प्रो. मदनलाल मधु (रूस)
वर्ष 2011
- श्री तेजेंदर शर्मा (यू.के.)
इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री एवं केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल की अध्यक्ष श्रीमती स्मृति ज़ुबिन इरानी, मंडल के उपाध्यक्ष प्रो. यार्लगड्डा लक्ष्मीप्रसाद, हिंदी जगत के वरिष्ठ विद्वानों और मीडियाकर्मियों के साथ-साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय एवं विदेश मंत्रालय के अधिकारियों, विभिन्न दूतावासों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक प्रो. मोहन, आठों क्षेत्रीय केंद्रों के क्षेत्रीय निदेशकों, विभागाध्यक्षों, कुलसचिव डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी और शैक्षिक एवं प्रशासनिक सदस्यों ने शिरकत की।
पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार
'पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार' हिंदी सेवी सम्मान योजना का एक महत्वपूर्ण पुरस्कार है। यह पुरस्कार उन विद्वानों को प्रदान किया जाता है, जो भारतीय मूल के हैं और विदेश में रहकर हिंदी का प्रचार-प्रसार करते हैं। साथ ही इसमें अपना विशिष्ट योगदान देते हैं। इस पुरस्कार का आरम्भ सन् 1989 में किया गया था। केंद्रीय हिंदी संस्थान के संस्थापक और प्रख्यात हिंदी सेवी विद्वान डॉ. मोटूरि सत्यनारायण के नाम पर यह पुरस्कार शुरू हुआ था। इस पुरस्कार को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले विद्वान को एक लाख रुपये की राशि नकद प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त एक स्मृतिचिह्न, प्रशस्ति पत्र और साथ में सम्मान स्वरूप एक शॉल भी पुरस्कार प्राप्तकर्ता को प्रदान किया जाता है। प्रत्येक वर्ष एक व्यक्ति को यह पुरस्कार दिया जाता है। कनाडा के हरिशंकर आदेश को 2002 में पहला 'पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार' दिया गया था।
क्रम | वर्ष | सम्मानित विद्वान |
1. | 2002 | श्री हरिशंकर 'आदेश' |
2. | 2003 | श्री पी. जयरामन |
3. | 2004 | प्रो. यमुना काचरू |
4. | 2005 | श्री कृष्ण किशोर |
5. | 2006 | श्रीमती प्रेमलता वर्मा |
6. | 2007 | श्रीमती उषा प्रियम्वदा (अमेरिका) |
7. | 2008 | श्रीमती पूर्णिमा वर्मन (सं.अ. अमीरात) |
8. | 2009 | डॉ. सुरेन्द्र गंभीर (सं.रा. अमरीका) |
9. | 2010 | प्रो. मदनलाल मधु (रूस) |
10. | 2011 | श्री तेजेंदर शर्मा (इंग्लैंड) |
पुरस्कार श्रेणियाँ
पुरस्कार | क्षेत्र | संख्या |
गंगाशरण सिंह पुरस्कार | हिंदी प्रचार-प्रसार एवं हिंदी प्रशिक्षण | 4 |
गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार | हिंदी पत्रकारिता तथा रचनात्मक साहित्य | 2 |
आत्माराम पुरस्कार | वैज्ञानिक एवं तकनीकी साहित्य तथा उपकरण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए | 2 |
सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कार | हिंदी के विकास से संबधित सर्जनात्मक / आलोचनात्मक क्षेत्रों में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए | 2 |
महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार | हिंदी में खोज और अनुसंधान करने तथा यात्रा आदि के लिए | 2 |
डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार | विदेशों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिए | 1 |
पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार | भारतीय मूल के विद्वानों को विदेशों में हिंदी प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय कार्य के लिए | 1 |
डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार
'डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार' केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा जॉर्ज ग्रियर्सन की स्मृति में प्रदान किया जाता है, जिन्होंने भारत की भाषाओं और बोलियों का विस्तार से वर्णन प्रस्तुत किया था। इस पुरस्कार को प्रदान करने का शुभारम्भ 1994 से किया गया था। यह पुरस्कार प्राय: किसी जाने-माने विदेशी व्यक्ति को उसकी उल्लेखनीय हिंदी सेवाओं के लिए प्रदान किया जाता है। प्रतिवर्ष एक व्यक्ति को इस पुरस्कार के लिए चुना जाता है।
क्रम
वर्ष
सम्मानित विद्वान
1.
1994
डॉ. लोठार लुत्स
2.
1995
डॉ. मारिया क्षिश्तोफ बृस्की
3.
1996
डॉ. ओदोलेन स्मेकल
4.
1997
डॉ. रुपर्ट स्नेल
5.
1998
श्री अभिमन्यु अनत
6.
1999
प्रो. पी. ए. बाशननी्कोव
7.
2000
प्रो. जिन दिंग हान (चीन)
8.
2001
श्री नरेश भारतीय
9.
2001
डॉ. तोमियो मिजोकामी
10.
2002
मारिया नेज्यैशी
11.
2003
श्री तोशियो तनाका
12.
2004
डॉ. रोनाल्ड स्टुअर्ट मैक्ग्रेगर
13.
2005
डॉ. इन्द्रा दसनायक
14.
2006
प्रो. मारिओला ओफ्रेदी
15.
2007
प्रो. दानूता स्ताशिक (पौलैंड)
16.
2008
डॉ. हरमन वान ओल्फ़न (सं.रा. अमरीका)
17.
2009
प्रो. ली जंग हो (दक्षिण कोरिया)
18.
2010
डॉ. शमतोफ़ आज़ाद (उज़बेकिस्तान)
19.
2011
डॉ. उ जो किम (दक्षिण कोरिया)
आलेख और अधिक ...
उपश्रेणियाँ
-
गंगाशरण सिंह पुरस्कार
- लेख गणना:
- 19
-
गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार
- लेख गणना:
- 9
-
आत्माराम पुरस्कार
- लेख गणना:
- 9
-
सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कार
- लेख गणना:
- 9
-
महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार
- लेख गणना:
- 9
-
डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार
- लेख गणना:
- 5
-
पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार
- लेख गणना:
- 5