हिंदी शिक्षण प्रवीण
हिंदीतर भाषी राज्यों के जूनियर हाईस्कूल स्तर तक हिंदी पढ़ाने वाले अध्यापकों को प्रशिक्षित करने के लिए संस्थान द्वारा हिंदी शिक्षण प्रवीण पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है। यह पाठ्यक्रम मुख्यालय और दीमापुर में आयोजित किया जाता है। आंध्र-प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, गुजरात, मिज़ोरम तथा नागालैंड आदि राज्यों के प्रशिक्षार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। यह पाठ्यक्रम अहिंदी भाषी राज्यों के मान्यता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में सेवारत हिंदी शिक्षकों को कुशल तथा सक्षम अध्यापक तैयार करने के लिए है। इसका स्तर शिक्षक-प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र (बी.टी.सी.) के समकक्ष है। इस पाठ्यक्रम की अवधि एक वर्ष है। यह पाठ्यक्रम मुख्यालय, आगरा और दीमापुर केंद्र पर संचालित किया जाता है। दीमापुर केंद्र पर पूर्वांचल के सभी राज्यों के हिंदी अध्यापकों के लिए यह पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है।
प्रवेश योग्यताएँ
- हिंदी विषयों सहित इंटरमीडिएट/हायर सेकेंड्री अथवा 10+2 प्री यूनिवर्सिटी।
अथवा
- बी.ए. (एम.आई.आर.एल.हिंदी के साथ) परीक्षा की उत्तीर्णता।
अथवा
- संस्थान द्वारा संचालित द्विवर्षीय हिंदी शिक्षक डिप्लोमा (मिज़ोरम) की उत्तीर्णता।
अथवा
- संस्थान द्वारा संचालित त्रिवर्षीय हिंदी शिक्षक डिप्लोमा (नागालैंड) की उत्तीर्णता।
अथवा
- इंटरमीडिएट/हायर सैकेंडरी उत्तीर्णता के साथ मान्यता प्राप्त समकक्ष (10+2) हिंदी परीक्षा की उत्तीर्णता।
पाठ्यक्रमों की रूपरेखा
- प्रश्न-पत्र तथा अंक वितरण: सैद्धांतिक खंड - 700 अंक
1 शिक्षा सिद्धांत, शैक्षिक प्रशासन एवं विद्यालय संगठन 80+10+10=100
2 शिक्षा, मनोविज्ञान, भारतीय शिक्षा 75+10+10+5=100
3 भाषा शिक्षण 75+10+10+5=100
4 हिंदी भाषा की संरचना 75+10+10+5=100
5 भाषा परिमार्जन 75+10+10+5=100
6 हिंदी साहित्य: प्रथम 60+10+10+20=100
7 हिंदी साहित्य: द्वितीय 75+10+10+5=100
- प्रायोगिक खंड : शिक्षण कार्य एवं अन्य गतिविधियाँ - 200 अंक
1 बाह्य परीक्षा (दो पाठों का शिक्षण) 75+75=150
2 आंतरिक परीक्षा
- समालोचना पाठ 10
- पाठयोजना निर्माण कार्य 10 ( 75+10+10+5=100)
3 पाठ्य सहगामी क़ियाएँ
- स्काउट एवं गाइड 10
- समाजोपयोगी उत्पादक कार्य (S.U.P.W.) 10
- शैक्षिक पर्यटन पर आधारित परियोजना लेखन 10
- नोट-पाठ्यक्रम एवं तत्संबंधी अन्य विवरण प्रवेश के बाद उपलब्ध होगा।